Meeting of Ali congress

Meeting of Ali congress

LATE YASA RIZVI

LATE YASA RIZVI
MASTER MIND OF TAHREEK-E-AZADARI AND TAHREEK-E-TAHAFUZ-E-AUQAAF

LATE ALHAJ MIRZA JAVED MURTUZA

LATE ALHAJ MIRZA JAVED MURTUZA
MASTER MIND OF TAHREEK-E-AZADARI AND TAHREEK-E-TAHAFUZ-E-AUQAAF

Friday, June 25, 2010

PRESSNOTE OF 25.6.2010

Youth Ali Congress

Ahata Mirza Ali Khan,Lucknow-3

(برائے اشاعت)

علماءکو سیرت امیر المومنین پر عمل کرنے شدید ضرورت : یوتھ علی کانگریس نے میلاد حضرت علی منعقد کیا

لکھنو:25 جون یوتھ علی کانگریس کے زیر اہتمام میلاد حضرت علی علیہ السلام کا انعقاد کیا گیا۔میلاد میں معززین نے تمام مسلمانوں کو مولائے کائنات حضرت علیؑ کی ولادت با سعادت کی مبارک باد پیش کرتے ہوئے اپنی تقریر میں جانشین پیغمر اسلامﷺ حضرت علی علیہ السلام کی عظیم روحانی شخصیت اور انکے اوصاف جمیل اور عدل و انصاف پر مبنی نظام پر بھرپور روشنی دالی۔ دنیا سے بے رغبتی ، جاہ و حشم سے دوری و یہودی کے باغ میں مزدوری، غرباءپروری، جذبہءجہاد، شجاعت اور صبر و استقلال جو مثالی نمونے آپ نے پیش فرمائے وہ ہم سب کے لئے مشعل راہ ہے، لیکن افسوس کہ آج خود کو دین مبین کا مبلغ اور شریعت کا پاسدار ٹھرانے والا طبقہ از خود سیرت علی ؑکی پیروی نہیں کر رہا ہے۔ بلکہ اس طبقہ نے دین کو دنیا حاصل کرنے کا ذریعہ بنا لیا ہے۔ بجائے محنت و مشقت کے چور دروازے سے دینی و دنیاوی رقومات اینٹھ کر عیش کوشی کر رہا ہے۔ حکام کی چاپلوسی اور ارباب اقتدار کی خوش آمد سیرت امیر المومنینؑ کے برعکس ہے۔حضرت قنبر جیسے غلام اور جناب فضہ جیسی کنیز کے ساتھ مساوی سلوک کرنے والے امیر المومنینؑ کا خود کو معاذ اللہ جانیشن بتانے والا طبقہ اپنے آپ کو عام مسلمانوں سے بلند و افضل تصورکر تے ہوئے ہر کسی پر جھوٹے و بے بنیاد الزامات لگا کر اپنی خوشی کے لئے ذلیل و رسوا کرنے کی کوششوں میں مستقل لگا ہوا ہے۔


جناب امیرؑ فرماتے تھے کہ اس سے پہلے کہ میں دنیا سے رخصت ہوجاوں ، مجھ سے جو کچھ پوچھنا ہے دریافت کر لو۔ مگر افسوس کہ دور حاضر میں انکی نیابت کے دعوے داران علم سے دور اور اسلام کی بنیادی معلومات سے بھی نا آشنا ہیں۔ محراب و منبر سے محبت علیؑ کے جو دعوے کئے جا رہے ہیں ۔ وہ قطعی کھوکھلے ہیں۔حضرت علیؑ کبھی باطل طاقتوں کے سامنے سپر اندیختہ نہیں ہوئے۔ لیکن آج انکے نام پر دینی رقومات اینٹھنے والے افراد اپنی ذاتی خواہشات کی تکمیل کے لئے ظالم اور باطل طاقتوں سے ہاتھ ملانے سے گریز نہیں کر رہے ہیں بجائے عوام کو متحد کرنے کے ان میں اختلافات پیدا کئے جا رہے ہیں ۔مکر و فریب کا بازار گرم ہے کل تک جو ممبروں سے ایک دوسرے کو عقائد کی بنیاد پر برا بھلا کہا کرتے تھے آج اپنے ذاتی مفاد کے لئے ایک بضاہر ایک نظر آ رہے ہیں۔اب دیکھنا یہ ہے کہ عشرہ محرم میں کون کسکے راستے پر چلتا ہے ؟ مقرریرین نے نوجوانان ملت سے اپیل کی کہ وہ قران فہمی کا جذبہ پیدا کریں اور صاحب ذولفقار، حیدر کرار کی پیروی کرتے ہوئے حقوق غصب کرنے والوں کے خلاف جد و جہد کریں اور سرمایہ داروں اور بر سر اقتدار طبقے نیز حکام کی چاپلوسی کرنے والے خود ساختہ قائدین ملت کی شاطرانہ چالوں سے ہوشیار رہیں اور قوم کو استعمال نہ ہونے دیں۔


امیر المومنینؑ کے احکامات کے مطابق بے دین،فریبی،ڈھونگی،بدچلن،آوارہ،بددیانت،جاہل،کاہل،مطلبی،عیار،ریاکار،زانی،شرابی،جواری،شاطر،بد اخلاق، بے ہودہ، ظالم، سرکش،زر پرست،حاسد اور وقف خور افراد سے بھی کھل کر اپنی بے زاری کا اظہار کریں۔ تاکہ امیر المومینن کی تعلیمات پر عمل کیا جاسکے۔ غریبوں و محتاجوں، بیواو ¿ں،یتیموں، بے سہارا اور کمزار افراد پر طاقت آزمائی اور سرکشی کرنے والوں نیز امت مسلمہ میں انتشار و افتراق پھیلانے والے استعماری، صہیونی، فسطائی اور طاغوتی طاقتوں کے ایجنٹوں سے بھی ہوشیار رہیں۔ قوم کو حالت حاضرہ سے با خبر کرتے ہوئے کہا کہ قوم اب کسی بھی شخصیت کی ’ بندھوا مزدور‘ نہیں رہی ہے۔بحمد اللہ قوم میں حق و باطل کو پرکھنے کا شعور پیدا ہو تا جا رہا ہے۔مومن کو ایک سوراخ سے بار بار نہیں ڈسا جا سکتا،لہٰذا وہ افراد جو اپنی ذاتی خواہشات کی تکمیل کے لئے مسلسل قوم کا استحصال کرتے ہیں انکو اپنی روش بدل دینا چاہئے ورنہ وہ دن دور نہیں کہ جس قوم نے انکو نا اہل ہوتے ہوئے بھی بلندیوں پر پہنچا دیا وہی قوم انکو انکے کرموں کی سزا بھی دے سکتی ہے۔


اس موقع پریوتھ علی کانگریس کے بانی و تحریک عزاداری و تحفظ اوقاف کے منصوبہ ساز الیسع رضوی کو یاد کیا گیا کہ انہوں نے ملائم سنگھ یادو کے دور میں اپنی کاوشوں اور تعلقات کی بنا پر ۳۱ رجب المرجب کی سرکاری چھٹی کا اعلان کرا دیا تھا۔یوتھ علی کانگریس نے مایاوتی سرکار سے مطالبہ کیا ہے کہ21 رمضان المبارک یوم شہادت امیر المومنین حضرت علی ابن ابی طالب کے موقع پر سرکاری چھٹی کا اعلان کرے۔


(سید ضمیر حیدرسیکریٹری نشر و اشاعت)
 
Youth Ali Congress


Ahata Mirza Ali Khan,Lucknow-3



(बराए इशाअत)

मौलानाओं को सीरत अमीर उलमोमिनीन पर अमल करने शदीद ज़रूरत : यूथ अली कांग्रेस ने मीलाद हज़रत अली मुनअक़द क्या

लखन्नओ-:25 जून यूथ अली कांग्रेस के ज़ेर इहतिमाम मीलाद हज़रत अली अलैह अलसलाम का इनइक़ाद क्या गया।मीलाद में माज़ज़ीन ने तमाम मुसलमानों को मौलािऐ कायनात हज़रत अलीؑ की विलादत बा सआदत की मुबारक बाद पेश करते हुऐ अपनी तक़रीर में जानशीन पीग़मर इस्लामﷺ हज़रत अली अलैह अलसलाम की अज़ीम रुहानी शख़सीयत और उनके औसाफ़ जमील और अदल ओ- इन्साफ़ पर मबनी निज़ाम पर भरपूर रोशनी दा ली। दुनिया से बे बे रग़बती , जाह ओ- हशिम से दूरी ओ- यहूदी के बाग़ में मज़दूरी, गरबाएपरवरी, जज़्बाएजिहाद, शुजाअत और सब्र ओ- इस्तक़लाल जो मिसाली नमूने आप ने पेश फिरमा ए वो हम सब के लिए मुसइल राह है, लेकिन अफ़सोस कि आज ख़ुद को दीन मुबीन का मुबल्लिग़ और शरीयत का पासदार ठर्राने वाला तबक़ा अज़ ख़ुद सीरत अली ؑकी पैरवी नहीं कर रहा है। बल्कि इस तबक़ा ने दीन को दुनिया हासिल करने का ज़रीया बिना लिया है। बजाए महंत ओ- मुशक़्क़त के चोर दरवाज़े से देनी ओ- दुनियावी रकौमात ईंठ कर ऐश कौशी कर रहा है। हुक्काम की चापलूसी और अरबाब इक़तिदार की ख़ुश आमद सीरत अमीर एलमोमिनीनؑ के बरअक्स है।हज़रत क़नबर जैसे ग़ुलाम और जनाब फ़ज़ा जैसी कनीज़ के साथ मसावी सलूक करने वाले अमीर एलमोमिनीनؑ का ख़ुद को मआ़ज़ उल्लाह जानेशन बताने वाला तबक़ा अपने आप को आम मुसलमानों से बुलंद ओ- अफ़ज़ल तसव्वुरकर ते हुऐ हर किसी पर झूटे ओ- बे बे बुनियाद इल्ज़ामात लगा कर अपनी ख़ूशी के लिए ज़लील ओ- रुसवा करने की कोशिशों में मुस्तकिल लगा हुआ है।


जनाब अमीरؑ फर्माते थे कि इस से पहले कि में दुनिया से रुख़स्त होजओं , मुझ से जो कुछ पूछना है दरयाफ़त कर लो। मगर अफ़सोस कि दूर हाज़िर में उनकी नियाबत के दावे दारान इल्म से दूर और इस्लाम की बुनियादी मालूमात से भी ना आश्ना हैं। महराब ओ- मुनब्बर से मुहब्बत अलीؑ के जो दावे किऐ जा रहे हैं । वो कतई खोखले हैं।हज़रत अलीؑ कभी बातिल ताक़तों के सामने सुपर अनदीखता नहीं हुऐ। लेकिन आज उनके नाम पर देनी रकौमात ईंठने वाले अफ़राद अपनी ज़ाती ख़्वाहशात की तकमील के लिए ज़ालिम और बातिल ताक़तों से हाथ मिलाने से ग़ुरेज़ नहीं कर रहे हैं बजाए अवाम को मुत्तहिद करने के इन में इख़तिलाफ़ात पैदा किऐ जा रहे हैं ।मकर ओ- फ़रेब का बाज़ार गर्म है कुल तक जो ममबरों से एक दूसरे को अक़ाऐद की बुनियाद पर बुरा भल्ला कहा करते थे आज अपने ज़ाती मुफ़ाद के लिए एक बज़ाहिर एक नज़र आ रहे हैं।अब देखना ये है कि इश्रा महरम में कौन किसके रास्ते पर चलता है ? मकर रीरैन ने नौजुआ नान मिल्लत से अपील की कि वो क़ुरआन फ़हमी का जज़्बा पैदा करें और साहिब ज़ूलफ़क़ार, हैदर करार की पैरवी करते हुऐ हुक़ूक़ ग़सब करने वालों के ख़िलाफ़ जद ओ- जिहद करें और सरमाया दारों और बर सर इक़तिदार तबक़े नीज़ हुक्काम की चापलूसी करने वाले ख़ुद साख़ता क़ाइदीन मिल्लत की शातिर अन्ना चालों से होशियार रहें और क़ौम को इस्तेमाल ना होने दीं।


अमीर एलमोमिनीनؑ के अहकामात के मुताबिक बे बे दीन,फरेबी,ढोंगी,बदचलन,आवाराह,बददियानत,जाहिल,काहिल,मतलबी,अयार,रिया कार,ज़ा नी,शराबी,जुआरी,शातिर,बद अख़लाक़, बे बे हुदा, ज़ालिम, सरकश,ज़र परस्त,हासिद और वक़्फ़ खोर अफ़राद से भी खुल कर अपनी बे बे ज़ारी का इज़हार करें। ताकि अमीर एलमोमीनन की तालीमात पर अमल क्या जासके। ग़रीबों ओ- मुहताजों, बीवाओ- ¿ं,यतीमों, बे बे सहारा और कमज़ार अफ़राद पर ताक़त आज़माई और सरकशी करने वालों नीज़ उम्मत मुसल्लिम्मा में इन्तिशार ओ- इफ़तराक़ फैलाने वाले इसतिमारी, सहयोनी, फ़सताई और ता गोती ताक़तों के एजैंटओ-ं से भी होशियार रहें। क़ौम को हालत हाज़िरह से बा ख़बर करते हुऐ कहा कि क़ौम अब किसी भी शख़सीयत की ’ बंधुअ मज़दूर‘ नहीं रही है।बहम्द उल्लाह क़ौम में हक़ ओ- बातिल को परखने का शऊर पैदा हो ता जा रहा है।मोमिन को एक सूराख़ से बार बार नहीं डसा जा सकता,लिहाज़ा वो अफ़राद जो अपनी ज़ाती ख़्वाहशात की तकमील के लिए मुसलसल क़ौम का इसतहसाल करते हैं अनिको अपनी रविष बदल देना चाहिऐ वर्ना वो दिन दूर नहीं कि जिस क़ौम ने अनिको ना अहल होते हुऐ भी बुलंदीयों पर पहुंचा दिया वही क़ौम अनिको उनके कर्मों की सज़ा भी दे सकती है।


इस मौक़ा पर यूथ अली कांग्रेस के बानी मबानी ओ- तहरीक अज़ादारी ओ- तहफ्फुज़ औक़ाफ़ के मनसूबा साज़ अल्यासा रिज़वी को याद किया गया कि उन्हों ने मुलायम सिंह यादव - के दौर में अपनी काविशों और ताल्लुक़ात की बिना पर 13 रजब अल्मरजब की सरकारी छुट्टी का ऐलान करा दिया था। यूथ अली कांग्रेस ने मायावती सरकार से मुतालबा किया है कि21 रमज़ान एलमुबारक यौम शहादत अमीर एलमोमिनीन हज़रत अली इबन अबी तालिब के मौक़ा पर सरकारी छुट्टी का ऐलान करे।


(सय्यद ज़मीर हैदरसैक्रेटरी नशर ओ- इशाअत)

2 comments:

shamil said...

meelad aur mahfil ka to javed murtuza saqt muqalif thaa

Unknown said...
This comment has been removed by the author.